Skip to main content
Innerpage slider

कौशल विकास

कौशल विकास

एनएचएसआरसीएल ने उत्तर, उत्तर मध्य और उत्तर पूर्वी रेलवे के सहयोग से हापुड (यूपी) में भारतीय रेलवे कारीगर कर्मचारियों के लिए एक ज्ञान-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया।
एनएचएसआरसीएल ने उत्तरी, उत्तर मध्य और उत्तर पूर्वी रेलवे के सहयोग से हापुड (यूपी) में भारतीय रेलवे कारीगर कर्मचारियों के लिए एक ज्ञान-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया। भारतीय रेलवे के 15 समर्पित वेल्डर और तकनीशियन वेल्डिंग में अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए एकत्र हुए

NHSRCL knowledge-sharing workshop in Hapur (U.P)
NHSRCL knowledge-sharing workshop in Hapur (U.P)
NHSRCL knowledge-sharing workshop in Hapur (U.P)
एनएचएसआरसीएल ने उत्तर, उत्तर मध्य और उत्तर पूर्वी रेलवे के सहयोग से हापुड (यूपी) में भारतीय रेलवे कारीगर कर्मचारियों के लिए एक ज्ञान-साझाकरण कार्यशाला का आयोजन किया।
एनएचएसआरसीएल ने भारतीय रेलवे कारीगर कर्मचारियों के लिए ज्ञान साझा करने वाली कार्यशालाओं का आयोजन किया

एनएचएसआरसीएल द्वारा पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे के सहयोग से वापी, गुजरात में एक स्टील निर्माण कार्यशाला में भारतीय रेलवे कारीगर कर्मचारियों के लिए एक ज्ञान साझा करने वाली कार्यशाला का आयोजन किया गया था। सत्र में विभिन्न रेलवे सुविधाओं से वेल्डर, वेल्डिंग निरीक्षकों, मुख्य तकनीशियनों और वेल्डिंग इंजीनियरों सहित कुल 16 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर स्थित छह कार्यशालाओं में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए वर्तमान में अट्ठाईस स्टील पुल निर्माणाधीन हैं। इन पुलों के निर्माण में शामिल निर्माण और वेल्डिंग प्रक्रियाओं के लिए कड़े तकनीकी मानकों को लागू किया जा रहा है। एनएचएसआरसीएल भारतीय रेलवे में अपने समकक्षों को इस्पात निर्माण और वेल्डिंग तकनीकों में सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रसार करने के इस अवसर का लाभ उठा रहा है।


NHSRCL organised a knowledge sharing workshop in Vapi
NHSRCL organised a knowledge sharing workshop in Vapi
NHSRCL organised a knowledge sharing workshop in Vapiएनएचएसआरसीएल ने पश्चिमी रेलवे और मध्य रेलवे के सहयोग से वापी, गुजरात में एक स्टील निर्माण कार्यशाला में भारतीय रेलवे कारीगर कर्मचारियों के लिए ज्ञान साझा करने वाली कार्यशालाओं का आयोजन किया।
मुंबई अहमदाबाद एचएसआर कॉरिडोर के लिए भारतीय इंजीनियर्स के लिए हाई-स्पीड रेल ट्रैक सिस्टम का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया

मुंबई अहमदाबाद एचएसआर कॉरिडोर (एमएएचएसआर) के टी-2 पैकेज (जिसमें वापी और वडोदरा के बीच 237 किमी की दूरी शामिल है) के लिए भारतीय इंजीनियरों और वर्क लीडर्स के लिए हाई-स्पीड रेल ट्रैक सिस्टम का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है।

ट्रैक निर्माण कार्यों के लिए साइट पर केवल प्रशिक्षित और प्रमाणित इंजीनियरों/वर्क लीडर्स द्वारा ही काम किया जाएगा। इससे जापानी एचएसआर ट्रैक सिस्टम के 'ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी' में भी मदद मिलेगी।

जापानी शिंकानसेन एचएसआर में उपयोग की जाने वाली गिट्टी-रहित स्लैब ट्रैक सिस्टम (जे स्लैब ट्रैक सिस्टम के रूप में लोकप्रिय) का उपयोग भारत की पहली एचएसआर परियोजना के लिए किया जाएगा। संबंधित क्षेत्र में जापानी विशेषज्ञों के माध्यम से जेआईसीए (JICA) (एमएएचएसआर परियोजना की फंडिंग एजेंसी) नामांकित जेएआरटीएस (JARTS) (जापान का नॉन प्रॉफिट संगठन) द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में ट्रैक कार्य के सभी पहलुओं को कवर करने वाले 15 विभिन्न पाठ्यक्रम शामिल किये गए हैं, जिसमें साइट प्रबंधकों के लिए प्रशिक्षण, ट्रैक स्लैब निर्माण, आरसी ट्रैक बेड (RC Track Bed) निर्माण, रिफरेन्स पिन सर्वे (Reference Pin Survey) तथा डेटा विश्लेषण, स्लैब ट्रैक इंस्टालेशन, सीएएम इंस्टालेशन (CAM Installation), रेल वेल्ड फिनिशिंग, रेलों की एनक्लोज्ड आर्क वेल्डिंग (Enclosed Arc Welding) और टर्नआउट इंस्टालेशन (Turnout Installation) आदि शामिल हैं।

परियोजना में लगभग 1000 इंजीनियरों/वर्क लीडर्स/ टेक्निशंस को प्रशिक्षित करने की योजना रखी गई है। इसके लिए सूरत डिपो में विशेष रूप से 3 (तीन) ट्रेल लाइन का निर्माण किया गया है।

जापानी ट्रैक सिस्टम दुनिया में अद्वितीय है और इसे बिछाने के लिए बहुत उच्च स्तर के कौशल की आवश्यकता होती है। ट्रैक एचएसआर प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण घटक है और इसे बहुत उच्च स्तर की सटीकता से बिछाया जाना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीस (20) जापानी विशेषज्ञ भारतीय इंजीनियरों, पर्यवेक्षकों और तकनीशियनों को गहन प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ साथ उनके कौशल को प्रमाणित करेंगे।

Training
Training

भारतीय इंजीनियरों के लिए MAHSR कॉरिडोर के लिए हाई-स्पीड रेल ट्रैक सिस्टम का प्रशिक्षण शुरू

एनएचएसआरसीएल ने सूरत में एशिया की सबसे बड़ी जियोटेक्निकल इन्वेस्टिगेशन लैब में इंजीनियरिंग छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए

राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम को गति देने के लिए, एनएचएसआरसीएल, भू तकनीकी जांच प्रयोगशाला में सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिसे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए सूरत में मैसर्स एलएंडटी द्वारा स्थापित किया गया है। (मैसर्स एलएंडटी वापी और अहमदाबाद के बीच सिविल कार्यों का निष्पादन कर रहा है)।

प्रयोगशाला को एशिया की सबसे बड़ी भू-तकनीकी प्रयोगशाला माना गया है और इसने इंजीनियरों, तकनीशियनों और कुशल मजदूरों सहित लगभग 900 (क्षेत्र में 500 और प्रयोगशालाओं में 400) व्यक्तियों के लिए रोजगार पैदा किया है। यह प्रयोगशाला अत्याधुनिक जांच उपकरणों से लैस है। प्रयोगशाला 20 भू-तकनीकी इंजीनियरों और 188 प्रयोगशाला तकनीशियनों के माध्यम से प्रतिदिन 3500 परीक्षण कर सकती है।

प्रशिक्षण के दौरान, छात्रों को विभिन्न भू-तकनीकी जांच के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों से परिचित कराया जाता है। व्याख्यान के अलावा, प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से मिट्टी की विशेषताओं को निर्धारित करने के लिए प्लेट लोड टेस्ट, पाइल लोड टेस्ट जैसे फील्ड टेस्ट भी प्रदर्शित किए जाते हैं। सरदार वल्लभ भाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एसवीएनआईटी) सूरत के 35 छात्रों के पहले बैच ने इस प्रयोगशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है।

एमएएचएसआर परियोजना ने अपने पुराने उपकरणों के उन्नयन में स्थानीय जियोटेक जांच सेटअप को भी बढ़ावा दिया है। वलसाड, सूरत, वडोदरा, आनंद और अहमदाबाद में लगभग 15 प्रयोगशालाओं ने परियोजना के लिए आवश्यक अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने के लिए अपने बुनियादी ढांचे को उन्नत किया है। परियोजना स्थलों पर पूरी तरह से स्वचालित और अर्ध-स्वचालित भू- परीक्षण मशीनों को तैनात किया गया है।

Students from Sardar Vallabh Bhai National Institute of Technology (SVNIT) attending a training session at Asia’s largest Geotechnical Lab in Surat

सूरत में एशिया की सबसे बड़ी जियोटेक्निकल लैब में प्रशिक्षण सत्र में भाग लेते सरदार वल्लभ भाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एसवीएनआईटी) के छात्र

Geotech Lab Surat